एक कहानी है, जो अधूरी है,
एक अधूरापन है, जिसमें मैं हूँ..
एक मैं हूं, जो बिखर चुका हूं,
एक बिखराव है, जिसमें कई बाल्टी आंसू हैं..
एक आंसू है, जो आंख से गिरने को बेताब है,
एक बेताबी है, जो हर शाम में है..
एक शाम है, जो गुजरती है इंतजार में,
एक इंतजार है, जिसमें सिर्फ तुम हो..
एक तुम हो, जो जा चुकी हो....❤️
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