मिट्टी की गहराई में, छिपी है जिंदगी की राहत,
धरती की ज़रूरत, बनते हैं अन्त में मिट्टी सब।
बोने से ही उगता है, नया जीवन का पौधा,
मिट्टी में छिपा है, हर सपनों का घरौंदा।
प्रेम की मिट्टी से, रचते हैं प्यारे रिश्ते,
संवारते हैं वो, जीवन की हर उलझन को सहज।
धरती की शांति से, मिलता है सुकून मन को,
मिट्टी है माँ की ममता, आशीर्वाद की पहचान।
ज़रूरत है हमें, मिट्टी की सदा संवेदना की,
धरती की छाया में, बसती है सबकी खुशियाँ।
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