क्या हूँ मैं ?
किसी का ख्वाब या किसी की हक़ीकत ?
किसी की ख्वाईश या किसी की हसरत ?
किसी की मोहब्बत या किसी की नादान सी चाहत ?
जमाने का एक हिस्सा या खुद में एक जमाना ?
एक तूफान या बेहकी सी मंद हवा ?
छोटा सा दरिया या समन्दर जितनी विशाल ?
आखिर हूँ क्या मैं ?
एक खुली खिताब या एक गहरा राज़ ?
खुद की ज़िंदगी या खुद का अंत ?
किसी की मांगी हुई दुआ या खुद की मांगी हुई मौत ?
किसी की खामोशी या किसी के अल्फाज़ ?
किसी की मुस्कुराहट या किसी की नम आँखों की वजय ?
हूँ क्या मैं ,
आखिर क्या हूँ मैं.............??
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