स्कूल का किताबें, या मैदान हो खेल का , माँ का लाड़ हो या पापा की डाट, नौकरी के वो पहले दिन की शुरुवात, या जीवन की अंधेरी रात, नए जीवन की शुरवात,
दूर होकर भी दिल के कितने पास,
आखिर दोस्त ही हमेशा होता साथ, उनके साथ की हर शुरवात, ईश्वर से मिली ऐसे यारो की सौगात
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