आज मेरा जन्मदिन है,
कभी इस दिन के आने के लिए तरसते थे,
आज सुकून के दो पल पाने के लिए तरसते है,
ज़िन्दगी इतनी मुश्किल भी होगी सोचा न था,
कभी जो चंद सिक्के हमे जेब खर्च कह के मिला करते थे,
आज उन चंद सिक्को को जेब खर्च की जगह मेहनताना कहा करते है,
कभी हल्का बदन भी गरमाता था तो छुट्टी कर लेते थे,
आज बुखार में बदन तपता है फिर भी दौड़ना पड़ता है
कभी जन्मदिन मेरा बड़ा ख़ास दिन सा लगता था,
आज जन्मदिन मेरा बड़ा आम दिन सा लगता है.....
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