13 JUL 2018 AT 19:53

आज उसकी तस्वीर दिख गयी इन निगाहों को
वहीं मासूम चेहरा खिला था चांद​ के जैसा

लेकिन ये क्या, चांद में दाग जैसे उसके चेहरे पे भी थोड़ा सा जख्म देखा हमने

पूछने का इरादा तो दिल ने किया सौ बार,
लेकिन उसकी एक बात ने मेरे होंठों को सील दिया

"कभी हमसे दोबारा बात किए तो वह हमारा ज़िन्दगी का आखरी दिन होगा"

चांद तड़पता रहा अपनी चांदनी को तड़पते देख के
दोनों खामोश थे लेकिन निगाहें बातें करती थी फिर भी

- authorsushil