छूना है उस आसमाँ की बुलंदियों को जिसे गुमान है अपनी ऊंचाई पर,पलट के देखे जब मेरी कामयाबी को चूमे कदम आकर धरती पर। - sulabh dubey
छूना है उस आसमाँ की बुलंदियों को जिसे गुमान है अपनी ऊंचाई पर,पलट के देखे जब मेरी कामयाबी को चूमे कदम आकर धरती पर।
- sulabh dubey