24 FEB 2018 AT 0:24

हाँ, ज़ुर्रत मैने की है
तुमसे वफ़ा करने की।
बेवफाई का रास्ता तो खुला है ही
क्या पता वफ़ा किसी नयी मंज़िल को ले चले।।

- Subh