#आहतबोल स्टेशन को जाती गाड़ी अस्ताचल को जाता सूरज कुछ उतरेंगे कई चढ़ेंगे स्टेशन पर छिपकर सूरज जा निकलेगा अमरीका से किसी देस में गाड़ी और सूरज दोनों ही मिलन विरह की एक कहानी जैसे ही हैं....
#आहतबोल फ़ुज़ूलख़र्ची मैं कर रहा था मगर वो हूँ हां फ़क़त करे है बचा रहा है हज़ार अक्षर जमा करेगा कहाँ धरेगा यादों के लॉकर में या फिर बातों के चालू खाते में कभी तो भेजे मेरी मदद को सवा रुपैया या आठ आने कभी चवन्नी या कौड़ी पाई मेरी ज़रूरत बहुत है छोटी....