19 JUN 2018 AT 23:03

अगर तुम जज्बात होते अल्फ़ाज़ होते तोह तुझे ग़ज़ल बना लेता
अगर तू चंद अक्षरों का झोप होते मे उसे पिरो के शायरी बना लेता
पर क्या करूँ तुम तोह इंसान हो तुमको कुछ बनाने से पहले मुझे मेरे
और तुम्हारे बिच कुछ होने का सुबूत देना पड़ेगा ना |

- यथार्थ ✍️