16 MAY 2018 AT 22:25

माफ़ कर देना इस ज़ालिम को
जो सुबह से मज़दूर बना है ,
एक तेरे ही प्यार का आसरा है ,
बाकी, ज़िन्दगी तो मौत ही हैं !1।

- #CAPTAINप्रयागी