माफ़ कर देना इस ज़ालिम को जो सुबह से मज़दूर बना है , एक तेरे ही प्यार का आसरा है ,बाकी, ज़िन्दगी तो मौत ही हैं !1। - #CAPTAINप्रयागी
माफ़ कर देना इस ज़ालिम को जो सुबह से मज़दूर बना है , एक तेरे ही प्यार का आसरा है ,बाकी, ज़िन्दगी तो मौत ही हैं !1।
- #CAPTAINप्रयागी