18 JUL 2018 AT 1:49

बंजर खेत में कंकाल सा वो
बादल को घूरता रहा बड़ी देर
फिर एक मज़बूत टहनी पर सजा
अपनी मजबूरियों का फंदा
वो सावन में झूलता रहा बड़ी देर
स्टैचू!

- सीमा संदीप तिवारी -

-