हवाओं ने पत्तों को छूकरदो पल परिंदा बना दियाआँखों मे आँसू पिरो करतुमने बुत को जिंदा बना दियामेरी आवारगी से होकरअपने दिल का बाशिंदा बना दिया -
हवाओं ने पत्तों को छूकरदो पल परिंदा बना दियाआँखों मे आँसू पिरो करतुमने बुत को जिंदा बना दियामेरी आवारगी से होकरअपने दिल का बाशिंदा बना दिया
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