12 APR 2018 AT 11:41

हवाओं ने पत्तों को छूकर

दो पल परिंदा बना दिया

आँखों मे आँसू पिरो कर

तुमने बुत को जिंदा बना दिया

मेरी आवारगी से होकर

अपने दिल का बाशिंदा बना दिया


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