टूट कर बिखरा हुआ हूँ ,आकर समेट लो , और अगर समेट न पाओ , तो थोड़ा और तोड़ो और फेक दो ।— % & -
टूट कर बिखरा हुआ हूँ ,आकर समेट लो , और अगर समेट न पाओ , तो थोड़ा और तोड़ो और फेक दो ।— % &
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दिल भी आजकल बच्चो सा ज़िद करता है ,तुझे जब देखता है , तुझसे दुबारा इश्क़ करने को मचलता है । -
दिल भी आजकल बच्चो सा ज़िद करता है ,तुझे जब देखता है , तुझसे दुबारा इश्क़ करने को मचलता है ।
इज़हारे ए इश्क़ करता तो कैसे करता ,तुम से दिल की बात करता तो कैसे करता ,तेरी हर बात में इनकार था ,मैं तुझसे बात भी करता तो कैसे करता । -
इज़हारे ए इश्क़ करता तो कैसे करता ,तुम से दिल की बात करता तो कैसे करता ,तेरी हर बात में इनकार था ,मैं तुझसे बात भी करता तो कैसे करता ।
उनके पास सारा जहाँ था ,हमारी बातो में सिर्फ वो थे ,उनके बातो में हमारे सिवा सब था ,हमारे करीब सिर्फ वो थे ,और वो सब के करीब थे । -
उनके पास सारा जहाँ था ,हमारी बातो में सिर्फ वो थे ,उनके बातो में हमारे सिवा सब था ,हमारे करीब सिर्फ वो थे ,और वो सब के करीब थे ।
ये रात भी अकेला और तन्हा है ,बस उनकी तस्वीर और उनकी यादें साथ है । -
ये रात भी अकेला और तन्हा है ,बस उनकी तस्वीर और उनकी यादें साथ है ।
मैं जानता हूँ , मुकम्मल न हो सकेगा इश्क़ हमारा ,फिर भी तुझे प्यार करना , मेरी कमजोरी है । -
मैं जानता हूँ , मुकम्मल न हो सकेगा इश्क़ हमारा ,फिर भी तुझे प्यार करना , मेरी कमजोरी है ।
क्या करूं ,समेट लू खुद को ,या उनसे दिल की बात कह दूं । -
क्या करूं ,समेट लू खुद को ,या उनसे दिल की बात कह दूं ।
ख़्वाहिशें आजकल इस कदर पूरी हो रही है ,लगता है ऊपर वाला सारे अच्छे कर्मों का ,हिसाब करके ही मानेगा । -
ख़्वाहिशें आजकल इस कदर पूरी हो रही है ,लगता है ऊपर वाला सारे अच्छे कर्मों का ,हिसाब करके ही मानेगा ।
तुझसे इश्क़ है , ये बात सच है मानता हूं मैं ,पर तुझे ये कह कर तुझे खो दूँगा, ये भी जनता हूँ मैं । -
तुझसे इश्क़ है , ये बात सच है मानता हूं मैं ,पर तुझे ये कह कर तुझे खो दूँगा, ये भी जनता हूँ मैं ।
उसने कहा उर्दू सीख लो हम से शायरी के काम आएगी ,अब उसे क्या बताऊँ यारो उसकी आँखों मे देख ,मैं सारे अल्फ़ाज़ भूल जाता हूँ । -
उसने कहा उर्दू सीख लो हम से शायरी के काम आएगी ,अब उसे क्या बताऊँ यारो उसकी आँखों मे देख ,मैं सारे अल्फ़ाज़ भूल जाता हूँ ।