तेरे आने से जीवन और रंगो से भर चुका है।
पता ना था खुशी का मतलब,
पर जब देखा तुझे पेहली दफा,
लगा जैसे आस्माँ छू लिया हो।
तेरे आने से,
जब जब चोट लगी तुझे,
खून मेरी आखों से आया।
जब जब खाना तुने खाया,
डकार मेने खाई।
जब जब भुखार तुझे आया,
रूह और जिस्म मेरी ठंडी हुई।
तेरे आने से लेकर,
तेरी हर उस मुस्कुराहट मे,
तेरे उस पहले शब्द मे,
तेरे उस हर एक पल मे, मेने हर पल खुद्को पाया है।
-पिताह
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