Readmespeak   (Read me speak)
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Joined 2 November 2017


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20 DEC 2020 AT 9:48

Stepping in a new country with no one I know,
Exploring the goodness of humans
Seeking shelter amidst nature
Trusting God with no plan B

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11 NOV 2020 AT 22:46

Everything goes off hand
Stop those tears from rolling,
Restrain yourself from falling
Know that you are alive
You are strong
And listen to god' s calling
You will be fine
You will be fine
You will be fine
Have faith!

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8 OCT 2020 AT 14:50

तुम्हारे बिना
तुम्हारे आगोश की वो गर्मास और होटों की नमी के बिना
तुम्हारे मुस्कुराते गुनगुनाते आंखों की जादू के बिना
वो हवा से बातें करती मेरी पसंदीदा जुल्फों के बिना
मैंने जीना सीख लिया है
तुम्हारे मेरे ख्वाबों में उपस्थिति के बिना
रातों की वो जादूई बातो और सुबह की वो प्यार भरी शायरी के बिना
तुम्हारे एक हेलो में छुपे प्यार कि परछाई
और साथ में बैठे खामोशी के खनक के बिना
मैंने जीना सीख लिया है
तुम्हारे कभी ना हिलने वाली विश्वास और साथ के बिना
मेरे एक आवाज़ पे दौड़ के आ जाने की तुम्हारी वो अदा और
मेरे बीमार होने पर तुम्हारे पनाह के बिना
मैंने जीना सीख लिया है
अपनी ज़िन्दगी में तुम्हारे साक्षात् मौजूदगी के बिना
एक अदद दोस्त, हमराज खो चुकी हूं लगता है
पर सीख लिया है
अब इसी तरह जीना।

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16 AUG 2020 AT 14:46

आजकल तुम मुझे
बड़े याद आते हो,
बैठें बिठाए, यूहीं, आंखें छलका जाते हो
रात में तुम्हे लेकर सोती हूं तो,
ख्वाबों में जी ललचाते हो
और आंखें खुलते ही दिल पे छा जाते हो।
पहले तो तुम, तुम ही हुआ करते थे
पर आजकल
हर रूप, हर स्वरूप में ही झलक जाते हो।
सूरज की रोशनी में हो या चांद की चांदनी
प्रकृति को भी जैसे तुम ही भाते हो।
मैं जाती हूं तुम्हे भूलने वहां
पर सब में तुम ही नजर आते हो।
कभी कभी सोचती हूं
कौन हो तुम
कल्पना या हकीकत,
जो हवाओं की तरह खींचे चले आते हो।
आंखों में आसूं और होटों पे मुस्कुराहट बन के रह जाते हो
ना जाने कहां हो तुम,
जो आजकल बड़े याद आते हो

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16 AUG 2020 AT 12:46

काफी याद आते हो,
बैठें बिठाए, यूहीं, आंखें छलका जाते हो
रात में तुम्हे लेकर सोती हूं तो,
ख्वाबों में जी ललचाते हो
और आंखें खुलते ही दिल पे छा जाते हो।
पहले तो तुम, तुम ही हुआ करते थे
पर आजकल
हर रूप, हर स्वरूप में ही झलक जाते हो।
सूरज की रोशनी में हो या चांद की चांदनी
प्रकृति को भी जैसे तुम ही भाते हो।
मैं जाती हूं तुम्हे भूलने वहां
पर सब में तुम ही नजर आते हो।
कभी कभी सोचती हूं
कौन हो तुम
कल्पना या हकीकत,
जो हवाओं की तरह खींचे चले आते हो।
आंखों में आसूं और होटों पे मुस्कुराहट बन के रह जाते हो
ना जाने कहां हो तुम,
जो आजकल बड़े याद आते हो

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25 MAR 2020 AT 17:24

Tap tap tap
I hit the desk
Right left straight
My mind gets berserk

Tick tock tick
The clock chimes
I am loosing my patience
At the speed of falling dime

Ting tong ting
The mail appears
Have so much work to do
But this restriction is difficult to bear

Wheesh and whoosh
The wind blows
My heart leaps out
To go free with its flow

Eat ,sleep, read, write and work
This goes on for days on repeat
Mind me, this time
Is a memory that u will always keep








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23 FEB 2020 AT 19:14

सुबह के आसमान में सिर्फ हड़बड़ी रहती है, एक भागम भाग ज़िन्दगी की,
पर गोधूलि बेला का आसमान
एकदम शांत
सबके चेहरे पर एक आराम और सुकून नजर आता है
जैसे कि कुछ अर्जित किया हो
उस दिन को फतेह कर लिया हो
और एक खुशी
अपनों से मिलने की
दिन के ख़तम होने की
और ख्वाबों को फिर से अपने करीब पाने की

कभी सोचा है इस बारे में?

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15 JAN 2020 AT 22:19

मुसलसल ज़िन्दगी ने आज़माइश की है
मुसलसल दिल ने फरमाइश की है

चाहते हैं कि किस्मत का एतबार न करे
आखिर हर बार ख्वाबों ने हमारे सब्र की नुमाइश की है।

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13 JAN 2020 AT 22:25

That you need to be both sharp and blunt like a knife.
Sharp to identify any malicious action of your nemesis and blunt enough to cut them midway if they try to hurt you.

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25 JUL 2019 AT 0:03

सुना था बचपन की कहानियों में
फ़रिश्ते उतर आते है ज़मीन पर
हमारी ख्वाइशें पूरी करने,
बस ये न पता था
की वो इंसान भी हो सकते है
हमारे आसपास
एक प्यार के रूप में।

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