Ravi Muntazir   (Alfaz_dilo_ki)
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Joined 1 October 2017


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Joined 1 October 2017
12 FEB 2023 AT 21:17

उफ्फ ये निगाहें दिल लगी की वजह बन रही है,
चलो छोड़ो भी तुम मुसाफिर हो हमसे कहा दिल लगाओगी ।

रवि मुंतजिर...

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8 FEB 2023 AT 19:49

आगाज- ए- मुहब्बत करे तो करे कैसे ,
दिल की बातें कहे तो कहे कैसे ।
इश्क हुआ है तुमसे और कर रहे है ,
तुम्हे अपना कहे तो कहे कैसे ।।

रवि मुंतजिर....

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12 JAN 2023 AT 14:13


प्रेम में पड़ी स्त्री किसी गैर कि तारीफ का मोहताज़ नही होती ,

जब उसे गैर की तारीफ अच्छी लगने लगे तो उसमे वो प्रेम नही होता ।। 
     

रवि मुंतजिर...

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12 MAY 2022 AT 15:54

कई मर्तबा गुज़रे थे वो मेरे कब्र के दरवाजे से ,
आज भी वो सर झुका कर जाते है ।

रवि मुंतजिर...

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3 APR 2022 AT 19:09

सोचा मुहब्बत बहुत अच्छी होगी करके देखते है ,
आसूं और दर्द है बस इसमें अब थोड़ा मरके देखते है ।

रवि मुंतजिर...

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16 DEC 2021 AT 18:56

जा तू , तुझे भी तेरी याद आई होगी ,
यूहीं नहीं मुहब्बत में तुझे हसी आई होगी ।

रवि मुंतजिर...

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18 NOV 2021 AT 9:29

उस कान में लटकते झुमके सा ,
मेरा इश्क तेरे करीब आ जाए ।
जब जुल्फें टकराएं मुझ से तो ,
हौले से बस तू मुझे छू जाए ।।

रवि मुंतजिर...


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23 OCT 2021 AT 13:22

चांद के इंतजार में तारें गिनता हूं,
तेरी बात मैं हर इक से करता हूं ।
इश्क हुआ है तेरे नाल मेरा जो,
हर ख्वाब मेरा उन्ही से बुनता हूं ।

रवि मुंतजिर...

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4 MAY 2021 AT 10:56

दिल करता है इश्क के लिए बच्चा बन जाऊं ,
गलतियां करूं तो फिर भी अच्छा बन जाऊं ।
जिस तरह उस छोटी आंखों में दिखती है ,
उसी तरह हर बार मैं सच्चा बन जाऊं ।।

रवि मुंतजिर...

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16 APR 2021 AT 23:23

सुना है ग़म के बाजार में झूठी खुशियां मिलती है,
क़ीमत जिस्म है या फिर रूह ?

रवि मुंतजिर...

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