खुद को ना खोजो तुम
कागज की इन लकीरों में
खोजना ही है तो मेरे दिल में खोजो
बसे हो जहां तुम हसीन यादों में।
खोजो खुद को मेरी आंखों में तुम
रहते हो जहां एक मोती बनके
बह न जाओ तुम अश्क के साथ कहीं
इसीलिए जज्बातों को दबाए रखती हूं मैं।
जिस दिन मेरे दिल की गहराईयों में
खुद को खोज पाओगे तुम
उस दिन मेरी जान, खुद से भी
पराये हो जाओगे तुम |
- ©Ranjeeta N Ghai-RNTalks