ये किस मक़ाम पे सूझी तुझे बिछड़ने की.... कि अब तो जा के कहीं दिन सँवरने वाले थे....!!! - Unsaid_Lamhe
ये किस मक़ाम पे सूझी तुझे बिछड़ने की.... कि अब तो जा के कहीं दिन सँवरने वाले थे....!!!
- Unsaid_Lamhe