16 JAN 2018 AT 2:08

रेहमत है तेरी की, आज भी मैं ज़िंदा हु,
इबादत है तेरी की, खुदा को भी लगें मैं उसका फरिश्ता हु,
जुंनोनिया है तेरी की, आज भी मैं साँसे भर रहा हु,
ज़िद है तेरी की, इन हालातों में मैं चट्टानों से भी लड़ रहा हु।।

- Ruhaniyat