17 JUL 2018 AT 23:41

अनकहे शब्दों के बोझ से थक जाती हूँ...
कभी -कभी...
पता नही चुप रहना समझदारी हैं या मजबूरी!
नाराजगी तेरी भी जायज़ है...
पर मेरे पास मेरी पैरवी करने के लिए कुछ भी नहीं!

- RAहि :-)