17 JUL 2018 AT 12:38

छलक न जाए कहीं आँखों से ,
अश्क़ अपने लफ़्ज़ों से बहाता हूँ मैं,
जो मिला सौगात ए मोहब्बत मुझको ,
कोई गीत नही ,बस वो दर्द गाता हूँ मैं।

- Ravi kumar yadav