छलक न जाए कहीं आँखों से ,अश्क़ अपने लफ़्ज़ों से बहाता हूँ मैं,जो मिला सौगात ए मोहब्बत मुझको ,कोई गीत नही ,बस वो दर्द गाता हूँ मैं। - Ravi kumar yadav
छलक न जाए कहीं आँखों से ,अश्क़ अपने लफ़्ज़ों से बहाता हूँ मैं,जो मिला सौगात ए मोहब्बत मुझको ,कोई गीत नही ,बस वो दर्द गाता हूँ मैं।
- Ravi kumar yadav