तुम्हारा मुझको, यूं चौंकाना अच्छा लगता है, बोसा रख लब पर, यूं शर्माना अच्छा लगता है, जिस पल तेरा ख्याल मेरे दिल में आता है, प्रिये! उस पल तुम्हारा , सामने आना अच्छा लगता है।
बड़ी हसरत है मुहब्बत की एक दास्तां लिखने की, इश्क को ईबादत करके, तुझको खुदा लिखने की, आपके हुस्न की तारीफ, बस इतनी सी है प्रिए! चाहत है तेरा होने की, तुझको अपना लिखने की।
तुझे खत लिखता हूं, पर तेरा पता भूल जाता हूं, तेरे शहर आकर, तेरे घर का रास्ता भूल जाता हूं, तुझको यूं लगता है, कि तू मेरी दूसरी मुहब्बत है, जब तुझको देखता हूं, प्यार पहला भूल जाता हूं।
खुद की तलाश करनी है, खुद में लौट आना है, अंदर भी एक जमाना है, बाहर एक जमाना है, दुनिया तो फकत एक सराय है और कुछ नहीं, खुद के अंदर ही बस, एक सच्चा ठिकाना है।
सुबह की उजली धूप देखी है, शाम का सुनहरा रंग देखा है, हमने तुमको देखा है, दुनिया का भी हर एक ढंग देखा है, कहीं मेरी मुहब्बत से बढ़कर शिद्दत मिले तो बताना, प्रिये! तुमने तो पढ़कर इस दुनिया का हर एक प्रेम प्रसंग देखा है।