14 JAN 2018 AT 16:30

अश्क बह जाता है......सिसकियों से पहले,
सपना टूट जाता है......सजोने से पहले।
मोहब्बत नहीं किसी बेकसूर की हिमायत,

कोई तो रोक देता हमें......गुन्हेगार होने से पहले।

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