आँखो से शाम तरबतर हो आई जैसे नशे में बात जुबा उतर आई चुभती अधूरी बाते आधि आधि चौखट पर ख्वाब की शक्ल छाईउजाले चश्म-ओ -चिराग के साझेहकीकत खामोशि होठो पे आईआँखो से शाम तरबतर हो आई @writing_my_soulful - ✏Prayag tiwari
आँखो से शाम तरबतर हो आई जैसे नशे में बात जुबा उतर आई चुभती अधूरी बाते आधि आधि चौखट पर ख्वाब की शक्ल छाईउजाले चश्म-ओ -चिराग के साझेहकीकत खामोशि होठो पे आईआँखो से शाम तरबतर हो आई @writing_my_soulful
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