19 MAY 2018 AT 19:43

आँखो से शाम तरबतर हो आई
जैसे नशे में बात जुबा उतर आई
चुभती अधूरी बाते आधि आधि
चौखट पर ख्वाब की शक्ल छाई
उजाले चश्म-ओ -चिराग के साझे
हकीकत खामोशि होठो पे आई
आँखो से शाम तरबतर हो आई

@writing_my_soulful

- ✏Prayag tiwari