Prayag Tiwari   (✏Prayag tiwari)
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दिल के भावो को पिरोता हू..दिल की लिखता हूं
Joined 8 January 2018


दिल के भावो को पिरोता हू..दिल की लिखता हूं
Joined 8 January 2018
29 APR 2019 AT 5:26

हाँ कमिया थी उजागर
क्योंकि, हम युवा थे
गलतियो ने ही, आज
जीतना सिखा दिया
हाँ हम युवा थे
अपनी कमियो मे
बहुत कुछ नया कर जाते हैं
हाँ कमियों मे ही जीत ढूढ़ते हैं
आत्मपूर्ण लेखन ✍️

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27 APR 2019 AT 5:29

झूठ, सत्य पर निलाम कर दो
सुदामा को, कृष्ण से बड़ा कर दो!

मित्रता, भाव निस्वार्थ कर दो
तुम कलयुग, को द्वापर कर दो!!

तीनो लोको का मान दान कर दो
द्वारिका, सुदामा के नाम कर दो!!
आत्मपूर्ण लेखन✍️

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25 APR 2019 AT 14:44

एहसान उन ख्वाबो का
जिनने कमियो को सोने न दिया

जागी जब भी हकीकत मेरी
मेरे विश्वास ने मुझे रोने न दिया
आत्मपूर्ण लेखन✍️

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25 APR 2019 AT 14:13

रूह की आवाज थी
कलम के साथ थी

कह गए दर्द-ए-दिल
जो मन की बात थी

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24 APR 2019 AT 19:05

दान व मतदान
.. नियत देख कर करना
जाती धर्म से निकल कर करना
आत्मपूर्ण लेखन✍️



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23 APR 2019 AT 19:45

खड़े हो कर खिलड़ी पर
एहसास किनारे रख लिया
कुछ जीवन की यादो को
दूर तलक निहार लिया
कुछ व्यस्त भले दिन चर्या मे
घर को अपने निकल चले
कुछ लगे रहे,
दो चार पैसो को
छोटी बड़ी नई खुशीयो को
खुद से मिलना भूल गए
वो जीवन जीना भूल गए!!
आत्मपूर्ण लेखन ✍️


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13 APR 2019 AT 16:38

बड़े वक्त के बाद बूंदों का
...एहसास हुआ...
पलके एहसास मे भींगती गई
आँखे कुछ कहती..
पर प्यास, सागर हो गई!

आत्मपूर्ण लेखन✍️

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13 APR 2019 AT 16:10

थोड़ा विचारो का रंग बदल कर देखो
ज़िंदगी की shine निखर कर आएगी

आत्मपूर्ण लेखन✍️

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15 MAR 2019 AT 0:00

किसी पुराने पन्ने,
को ढूंढ रहा हूं..
यारो..
अधूरी..
कविता जोड़ रहा हूँ
जो शब्द थे बिखरे..
उन्हे सहेज रहा हू..
जो भूल गए
उन्हे fb मे ढूंढ रहा हूँ
उन्हे fb मे ढूंढ़ रहा हूँ

आत्मपूर्ण लेखन ✍️

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4 MAR 2019 AT 18:25

मेरी खामोशी
मुझमे इतनी गहरी
की लोग
अनुमान व अरोप
थोपते ही गए

आत्मपूर्ण लेखन

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