Pravin Paliwal  
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Joined 20 September 2017


Joined 20 September 2017
21 JUN 2022 AT 9:32

सारे आंसू तो खुदा ने उसे दे दिए, मेरी आँखों में तो बस एक सूखा तालाब था !

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2 JUN 2022 AT 10:40

शायद कुछ कहा था उसने अपनी दबती आवाज मैं ,
मेही शायद कुछ सुन नहीं पाया , मन में शोर के कारण !

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1 JUN 2022 AT 17:30

शायद उसकी खामोशी ही मेरे,
सवाल का जवाब था !!

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23 APR 2021 AT 13:28

मुझे से ही उम्मीद कर रही थी उसको सब्र बंधाने की,
भूल गई थी पगली मेरे ही लाश पर उसका सर था ..

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16 APR 2021 AT 15:32

मेरे जिस हाथ में कलम थी उसी हाथ का सरहना,
शायद इसीलिए रात भर कुछ ना लिख पाए !

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12 AUG 2020 AT 20:08

मेने सजदा क्या करी उसके सामने,

उसने खुद को खुदा समज लिया !

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10 AUG 2020 AT 11:40

याद तो आती होगी ना ,

तुम बताती नही, मगर याद तो आती होगी ना ,
तुम जताती नही ,मगर याद तो आती होगी ना !

कि जिस तरह भीग ती हे मेरी आन्खे,
तुम्हारी आन्खे भी उसी तरह भिगती होगी ना!

करवटे बदलते बदलते बीतती होगी रात्,
और सुबह फ़िर आंखों मे निन्द गहराति होगी ना,

तुम बताती नही, मगर याद तो आती होगी ना !!

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8 AUG 2020 AT 15:23

तेरे शब्दो को मालाओ मे पीरो रहा हु मे,
तेरी मुस्कुराहट वाले चहरे को चान्द सा सजा रहा हु!

तेरे साथ बिताये हुये हर पल को, आसमा मे तारो सा सजा रहा हु मे,
जब पहली बार छुआ तुमने मुझे उस पल को सुरज सा सजा रहा हु मे !


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10 MAY 2020 AT 20:01

माँ
तेरी कोख मे पला , तेरे आन्चल मे झूला हु माँ ,
तेरी उन्गली पकड़ कर चला ,तुझसे ही तो बोलना सिखा हु माँ ,

अपने आन्चल मे छिपा कर धुप से बचाती थी, नजर ना लगे इसलिए काजल लगाति थी,अब आन्चल मे क्यो नही छुपाति हो, काजल क्यो नही लगाती हो माँ

बचपन मे जब डांटती थी तो अछा नही लगता था, अब मुझे
डांटती क्यो नही हो माँ
तेरी गोद मे सर रख के सोने का सुकु ही अलग था,अब मुझे गोद मे क्यो नही सुलाती हो माँ

बडा होगया तो क्या हुआ, अभी भी जब अकेला होता हु तो तुझे याद करके आंख भर आती हे माँ

तु हे मेरे पास तो लगता हे, जैसे ये घर भरा भरा हे,
तु जाती हे कही तो ,लगता हे जैसे सुना सुना हे आसियाना

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10 MAY 2020 AT 0:45


मोहब्बत ,

यु तो हर दिन मोहब्बत का हे, पर आज कुछ खास हे !

वैसे तो में हर दिन मोहब्बत अदा करता हु तुमसे ,
पर आज सर जुका के सजदा करता हु, माथा चुम के मे अपनी मोहब्बत अदा करता हु!

तेरि सान्सो से अपनी सान्से मिलाके इस खुली हवा को महसुस करता हु !

तेरे गले लग के , तेरे हाथ का सिराहना बना के सुन्कु कि गोद मे सोता हु !
आज फ़िर मे अपनी मोहबब्त को इजहार करता हु,
सर जुका के सजदा करता हु !!

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