चाँदनी रातों में कहाँ सो पाया हूँ°चैन से।ख्यालों में तुम थी और आँखों में°अश्को के रैन थे।। - प्रतीक मैनावि
चाँदनी रातों में कहाँ सो पाया हूँ°चैन से।ख्यालों में तुम थी और आँखों में°अश्को के रैन थे।।
- प्रतीक मैनावि