मैं लिख देता हूं मन की बहुत सी बातें, और छोड़ देता हूं लिख कर कागज़ों पर, उन्हें दबा कर कहीं..
मन में आई बातें तो उतर आती हैं कागज़ पर, फिर भी कुछ भारी सा महसूस होता है अंदर में..
क्योंकि उन बातों की वजह जो तुम्हारी यादें हैं, एक-एक पल की...
वो कागज़ पर उतारे नहीं उतरती,
मेरी कलम को लिखने की कला चाहे कितनी ही आती हो..पर तुम्हारी उन खूबसूरत यादों की हुबहू शकल बना पाना मुमकिन नहीं...
वो सिर्फ दिल जानता है कि तुमसे कितना सच्चा प्यार है इसे और कितनी सच्ची है मेरे अंदर तुम्हारी यादों की मौजूदगी..!!
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