18 JUL 2018 AT 1:59

और ये हवा में नमी,
साफ़ साफ़ बता रही
तुम्हारी कमी
कि तुम्ही हो
मेरा आसमाँ
मेरी जमीं...
जज्बात से जगा रही
तुम्हारी कमी
कि रस्मों को
और छोड़ जहां
मेरी बनी...

- ᵖʳᵃᵐᵒᵈ ˢ ᵗᵃᵗᵉʳ