और ये हवा में नमी,साफ़ साफ़ बता रही तुम्हारी कमी कि तुम्ही हो मेरा आसमाँ मेरी जमीं...जज्बात से जगा रही तुम्हारी कमी कि रस्मों को और छोड़ जहांमेरी बनी... - ᵖʳᵃᵐᵒᵈ ˢ ᵗᵃᵗᵉʳ
और ये हवा में नमी,साफ़ साफ़ बता रही तुम्हारी कमी कि तुम्ही हो मेरा आसमाँ मेरी जमीं...जज्बात से जगा रही तुम्हारी कमी कि रस्मों को और छोड़ जहांमेरी बनी...
- ᵖʳᵃᵐᵒᵈ ˢ ᵗᵃᵗᵉʳ