27 MAY 2018 AT 19:49

मौत ने जब दस्तक दी,जिंदगी के दरवाजे पर
जुनून लिए चल रहे हम आज़ादी की रहो पर
वफ़ा जो देश से की थी,
निभाने वो हम चल पड़े।
इंकलाब का नारा लिए,
दुश्मनो से हम लड़ पड़े।
फाँसी के तख्ते पर भी हम,
सर उठा कर थे खड़े।
सो बार कुर्बान माँ ये तन इस वतन के लिए।
लौटेगा ये लाल तेरे ,आसमाँ में जो उड़ चले.....

- Prachi jain