Param Kumar   (परम)
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Joined 27 August 2017


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8 MAR 2022 AT 7:29

मैं पुरुष हूँ...
पर ये भी नही जानता कि मेरा पुरुषत्व क्या है
जिस दिन मैं अपने भीतर स्त्रीत्व के हिस्से को
जान जाऊँगा।
मैं पुरुष कहलाने लायक हो जाऊँगा।

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8 MAR 2022 AT 7:19

जब आँखें नम होती है,
इच्छाएँ कम होती हैं।

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31 JAN 2022 AT 12:30

प्रेम का भावनात्मक पहलू ही
उसे शिखर तक पहुँचाता है,
इसलिए भावविहीन होकर
आप प्रेम नही कर सकते।— % &

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24 JAN 2022 AT 15:49

मौन की अभिव्यक्ति,
बहुत लंबे समय तक गूँजती है।

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10 JAN 2022 AT 7:54

प्रेम कोई विषय वस्तु नही,
जिसका अध्यन करके जीवन का
अवलोकन किया जाता है,

ये तो अनुभव का वो सागर है जहाँ
पीड़ा और आनंद दोनों को ही
अपने उच्चतम स्तर पर प्राप्त किया जाता है।

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10 JAN 2022 AT 7:54

प्रेम कोई विषय वस्तु नही,
जिसका अध्यन करके जीवन का
अवलोकन किया जाता है,

ये तो अनुभव का वो सागर है जहाँ
पीड़ा और आनंद दोनों को ही
अपने उच्चतम स्तर पर प्राप्त किया जाता है।

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7 JAN 2022 AT 12:46

जीवन के हर हिस्से को जीने के लिए,
कुछ हिस्सों में मरना जरूरी होता है।

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29 DEC 2021 AT 7:05

जब अपनी इच्छाओं को पीछे रख,
किसी रिस्ते में आगे बढ़ोगे,
तो यक़ीन करो उस रिस्ते की
खूबसूरती को पाने लगोगे।

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28 DEC 2021 AT 10:17

जब आपके लिए आँसू बहाने वाली आँखों
और कीर्ति गान करने वाले मुख के
भंडार होने लगें,
तो समझ लेना आप अमीर होने लगे हो।

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28 DEC 2021 AT 9:18

रिश्तों में बदलाव और उतार चढ़ाव वो सच्चाई है
जिसे होना ही है, आप इसे रोक नही सकते।
आपकी ज़िम्मेदारी बस इतनी है कि
आप जिस भी रिस्ते में है,
उसे ठीक से निभा पा रहें है या नही।

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