.... अजीब ज़ुल्म करती है तेरी यादें मुझ पर सो जाऊ तो उठा देती है और उठ जाऊ तो रुला देती है... -
.... अजीब ज़ुल्म करती है तेरी यादें मुझ पर सो जाऊ तो उठा देती है और उठ जाऊ तो रुला देती है...
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