ये पेड़ ये पंछी ये बादल ये सूरज
उम्र सारी मेरी इनकी छाव मे गुजरी
कौन जाने मेरे दर्द के इंतहा को 
ज़िंदगी मौत थी पर प्यास बुझाने मे गुजरी 

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