वो इत्र सी है उसके जाने के बाद भी खुशबू आती है,
इश्क़ हो चुकी उससे,
मैं प्यार बेपनाह करता हूं,
ख़ैर वो मेरी तो नहीं होगी कभी,
दो लोगों में धर्म-जात की दीवार जो आती है,
अब उसे इस लड़के से प्यार नहीं है,
वरना दिल में बसे लोगों की तो हर पल याद आती है,
बेचैनियों में काट लिया करता हूं,
अपनी सुबह और अपनी श्याम,
उसने दिल दुखाया है बहुत,
पर सच कहूं उसकी याद आज भी आती है।
-