तुमने समझा ही नहीं, जज़्बात की गहराई,
दिल के राज़ छुपे हुए, जिन्दगी की कहानी।
कभी देखा है खुद को, अपने आईने में,
मुस्कान के पीछे, छुपी है तन्हाई की जवानी।
दिल की धड़कनों को, सुना है कभी तुमने,
जब रुक सी गई, अहसासों की नादानी।
तुमने समझा ही नहीं, जज़्बात की गहराई,
दिल के राज़ छुपे हुए, जिन्दगी की कहानी।
अब तो बता दो खुद को, अपने आप से ही,
ज़िंदगी का मजा है, तोड़ो आज दीवारों को।
जब साथ हो ज़िंदगी का, प्यार और ख़ुशियों से,
हर पल जीने को मिले, तो बन जाए ख़ुद को ख़ुशनुमा रंगों में।
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