इश्क, रात मे दिपक के चारो ओर मंडराने वाले उस पखियारे की दृढ इच्छा की तरह होता है,जिसमे अपनी चाहत को पाने का जुनुन तो होता है, पर उससे होने वाले हस्र से पुर्ण अनभिज्ञ होता है। - Keshav upadhyay
इश्क, रात मे दिपक के चारो ओर मंडराने वाले उस पखियारे की दृढ इच्छा की तरह होता है,जिसमे अपनी चाहत को पाने का जुनुन तो होता है, पर उससे होने वाले हस्र से पुर्ण अनभिज्ञ होता है।
- Keshav upadhyay