2 MAR 2018 AT 0:03

जिनसे भी पूछा क्या है ज़िन्दगी
बस हसकर आगे बढ़ गए,
आया नहीं था समझ में हमको
वो शायद कुछ बहुमूल्य इशारा थे कर गए।

आज जब थके हारे
हम कभी इस विषय पर है सोचते,
ज़ख्म देने वाले सख्स ही
क्यों आंसू को है पूछते।

की दर्द से सब भरे हुए
जब भगवान को है पूजते,
समय के बदल जाने से
फिर भगवान को क्यों नहीं पूछते।

कुछ करना जरूर तुम अलग
ना जाना जहा ले जाए बहाव,
अब इसी का नाम तो है ज़िन्दगी
बस चलते रहिए जनाब।

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