तुझे पाने और खो देने की ज़ंग छिरी थी दिल में,तुझे मुकम्मल करने की रज़ा में,दिल ही साला बेईमान निकला। - Jyoti
तुझे पाने और खो देने की ज़ंग छिरी थी दिल में,तुझे मुकम्मल करने की रज़ा में,दिल ही साला बेईमान निकला।
- Jyoti