न अदब तमीज़ तहज़ीब, न बचा है कुछ शेषआँधी ऐसी चल रही,अजब हुआ परिवेश । -
न अदब तमीज़ तहज़ीब, न बचा है कुछ शेषआँधी ऐसी चल रही,अजब हुआ परिवेश ।
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