23 FEB 2017 AT 10:05

क्या लिखूँ प्रेम पर प्रेम अंतहीन है
एक सच ये भी कि प्रेम ही दीन है
प्रेम की प्रीत का न कोई मापदण्ड
प्रेम है प्रेम है और प्रेम ही बस प्रेम है

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