Govind Hersal   (Govind Hersal "Panchi")
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Doctor ⚕️
Jaipur
Instagram @dr_govind_hersal.
Joined 13 May 2017


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30 NOV 2023 AT 20:06

दिल का परिंदा ,नए घोंसले बनाने से डरता है
ख़्वाब पहाड़ चढ़ने के ,मगर ऊंचाई से सिहरता है

उम्मीद करता है ,खुले आसमां में विचरण करने की
जमीं पे अपनों के ,आचरण से ही शब भर सिसकता है ।

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22 NOV 2023 AT 17:36

चुनावी मौसम में आसमान में रोज उड़ते ये हेलिकॉप्टर मुझे गिद्ध की तरह प्रतीत होते है जो ज़मीन पर वोट रूपी जनता का भक्षण करने को आतुर रहते है ,लोभ प्रपंच देकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं और जब मौसम बीत जाता है तो कुछ सालों के लिए गायब हो जाते ।
सही चुनें ,सत्य चुनें ।

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2 NOV 2023 AT 23:48

मैंने अगर शब्द दे दिए मेरे मौन को
यकीन मानिए कागजों पर सैलाब आएगा ।

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27 OCT 2023 AT 18:09

ख्याल कुछ यूं है कि लड़को के जीवन में अगर चाय की थड़ियां ना होती तो जीवन कितना नीरस होता ।
चाय की ये थड़ियां ही हैं जहाँ दिन भर की थकान, स्वयं की खामोशी और अपनों की याद से जब गला रुंध सा जाता है तभी आकर कोई कहता है ये लो आपकी चाय .......
एक अच्छा खासा समय हम यहाँ व्यतीत करते हैं ,दोस्तों से मिलने का एकमात्र ठिकाना होता है जिसके बारे में ज्यादा सोचना नही पड़ता ।
जीवन के पड़ाव पर एक धन्यवाद इन चाय की थडियों को ।

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24 OCT 2023 AT 10:35

एक कतरा भी आंसू बहाना व्यर्थ था जिनके लिए मैने समंदर बहा दिया
इश्क़ में जीना भी मुनासिब नही था जिनके लिये मैंने मरके निभा दिया ।

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17 OCT 2023 AT 20:42

कवि की कल्पना तो ये है कि वो सारा शहर घूम आये ,
शहर के हर अनजान कोनो से मुखातिब हो आये ,
कौनसी गली कहाँ से निकल कर किस रास्ते को जाती है और
कौनसा रास्ता चलते हुए गलियों में मुड़ जाता है ।
कवि चाहता है शहर उसे वो दिखाए जो वो ढूंढ रहा है
जैसे एक अच्छी सी चाय की थड़ी ,एक लजीज़ पकवानों से सजा बाज़ार,
एक पार्क जहां लोग खाना पचाने आते हो
और कुछ लोग खाना बेच कर अपने पेट का जुगाड़ करने आते हो,
कुछ ऐसी जगह जहाँ दो लोग बैठ के बात कर सके दुनिया की नजरों में आये बिना ।
हर शहर का भूतकाल होता है ,और वर्तमान शहर को जवान बना रहा होता है
ताकि भविष्य में कोई और कवि आये
तो उसे पहले से ये सब मिल सके जो वो खोजना चाहता है ।
कवि दिन भर के बाद अपने किराए के
कमरे में जाकर अजनबी शहर के बारे में सोचता रहता है
कैसा होता होगा अपने शहर का चांद और आसमान ,
कैसे लोग इश्क़ में शहर हो जाते है और कैसे अजनबी शहर से इश्क़ नही कर पाते ।

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16 OCT 2023 AT 10:24

यूँ तो ईश्वर ने काबिल किए है मदद को कई हाथ
महज कुछ दे पाते है असहाय ,निशक्तजन और अनाथ का साथ ।

ईश्वर ने रचाई है सबके लिए समान सृष्टि
महज कुछ दे जो पाते है इन लोगों को करुणा की दृष्टि ।

तुम्हारी ये दंतुरित मुस्कान भर देती होगी उनमें उल्लास
ये निःस्वार्थ सेवा भाव देता है कई लोगों को जीने की आस

नेक दिल और नेकी की राह पर जो चल पड़े
तुम ना जाने कितनों के पाँवो के शूल हर रहे हो ।

उनसे मिलना और उनके सुख दुख में खड़े होने का प्रण
देता है उनको हौंसले और उम्मीद के पल प्रतिक्षण ।

बदले के समाज में तुमने बदलाव की बयार है चलाई
बना के जीवन सुगम उनका तुमने नव मशाल है जलाई ।

होती हो उनके संग तो मिलती है
तुमको प्रसन्नता और असीम सुख की अनुभूति ।

नवाजा है प्रभु ने तुमको की कर सको
उनके लिए उदाहरणीय कृत्य और बन सको सामाजिक विभूति ।

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11 OCT 2023 AT 20:12

तुझे जीने की फ़ुरसत कहाँ हैं ए जिंदगी
हम तो अभी शहर बदलने में मसरूफ़ हैं ।

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10 SEP 2023 AT 17:59

ज़िंदा रहे तो जीवन एकांत में बिता दिया
आज मरने पर काफ़िला साथ चल रहा था ।

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25 JUL 2023 AT 12:31

मुझसे दिल लगाने वाले दिल संभाल कर रख
मेरे चले जाने पर तेरे काम आएगा

मुझसे नजरें मिलाने वाले आँखे बचा कर रख
मेरे बाद तुझे खुद से नजरें भी मिलानी है

मुझसे शामों सहर बतियाने वाले बातें बचा कर रख
मेरी ग़ैर मौजूदगी में तुझे खुद से बातें भी करनी है

मुझसे लड़ने रूठने मानने वाले ये सब बचा कर रख
मेरे जाने पर तुझसे कौन लड़ने मनाने आएगा

मुझसे वफ़ा की उम्मीद करने वाले तू बेवफ़ा ना हो जाना
मेरे बाद तेरी ज़िन्दगी में आने वाला तुझसे वफ़ा निभाएगा ।

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