एक सपना देखा हैं, हक़ीक़त बनाना बाकी हैंपँखो से न सही, होंसलों की उड़ान काफी हैंमुश्किल नहीं हैं कुछ,मेहनत करनी बाकी हैं - Gj verma
एक सपना देखा हैं, हक़ीक़त बनाना बाकी हैंपँखो से न सही, होंसलों की उड़ान काफी हैंमुश्किल नहीं हैं कुछ,मेहनत करनी बाकी हैं
- Gj verma