मुझे खुद से अलग मत समझना,
तुम्हारे ही जैसी हूँ मैं..
जैसे तुमने कभी किसी की
ओर नहीं देखा, मैंने भी नहीं देखा..
जैसे तुमने कभी किसी को नहीं
चाहा, मैंने भी नहीं चाहा..
जैसे तुम अनजाने में सिर्फ़
मेरा ही इंतज़ार करते रहे,
मैं भी अनजाने में सिर्फ़
तुम्हारा ही इंतज़ार करती रही..
जैसे तुम अब मुझे भूल नहीं
सकते, मैं भी किसी भी जन्म
में तुम्हे भुला नहीं सकती..
मुझे खुद से अलग मत समझना,
तुम्हारे ही जैसी हूँ मैं!
-