फिर मज़बूरी की बातें,कश्मकश की रातें,वो तेरा यूँ जाना,फिर वापस न आना।बात फ़क़त सी है,आज भी इक कमी सी है!! - 🖋 Dermographer
फिर मज़बूरी की बातें,कश्मकश की रातें,वो तेरा यूँ जाना,फिर वापस न आना।बात फ़क़त सी है,आज भी इक कमी सी है!!
- 🖋 Dermographer