17 APR 2018 AT 23:34

फिर मज़बूरी की बातें,
कश्मकश की रातें,
वो तेरा यूँ जाना,
फिर वापस न आना।

बात फ़क़त सी है,
आज भी इक कमी सी है!!

- 🖋 Dermographer