chaynika pandit   (Chaynika "मेरा अनुभव")
206 Followers · 64 Following

read more
Joined 27 April 2018


read more
Joined 27 April 2018
27 APR 2023 AT 3:44

Have control on your love ones

-


27 APR 2023 AT 3:42

Committed to actions

-


21 APR 2023 AT 11:19

मैने धीमी लगाई है
तस्वीर उस वक्त की मैने तुम्हारी यादों की आंच पर चढ़ाई है
मनोवेग का दम भरते हुए ..... तुम्हारे अभाव में खोलायी है
चीनी के प्याले में मिश्री भरी चुस्की लगाई है

-


20 APR 2023 AT 1:29

प्रलाप जो चलता आ रहा
पीछे मुड़ कर क्या देखें
कई रिश्तों का गला घुटता आ रहा
पीछे मुड़ कर क्या देखें
वो समय जो पीछे छूटता जा रहा
पीछे मुड़ कर क्या देखे
प्रतिदिन दिन का सूरज ढलता जा रहा

-


15 APR 2023 AT 13:19

हर बारी एक जंग होती है, .....कभी खुद के तो कभी क़िस्मत संग के होती है
हर बार साहस का परीक्षण होता है ....हर बार कृति का बखान करना पड़ता है
काश इतना आसान होता .....सब कुछ समेट किसी एक पर एकाग्र होना
तो शायद उलझने और उससे निकलने का चक्र खत्म होता
काश शांत और शीतल मन होता .... काश भीतर के शिशु के लिए भी कोई ममता का लाड़ होता
काश कोई अधीरता रिक्त शाम का आगमन होता.....

-


23 SEP 2022 AT 14:27


अब लबों पर कैसी कसक , आंखो में अब कैसा नीर
तुम तो नासूर घाव बन गए हो
छोड़ो तुम से अब क्या शिकायत
तुम पराय हो गए हो
तुम्हारा होना अब उस किताब में रखी गुलाब जैसा हो गया है
जिससे यादें तो बोहोत जुड़ी है,
पर कमबख्त मायूसी की हजारों शिकायते उस किस्से में दबी है
तुम से क्या शिकायत करना
तुम तो पराय हो गए हो

-


8 MAY 2022 AT 23:53

तुम्हे इतनी जगह तो दी हैं मैंने
आंखे भर कर मोहोब्बत की है मैने
तुम्हें पाना भले ही क़िस्मत में न हो मेरी
पर मेरे दिल ने तुमसे इश्क़ करने की जुर्रत की है
ये फासला अगर उम्र का है , तो अगले जन्म की मोहलत दी है हमने
तुम बंधन में बंधे तो इसलिए कोई शिकायत नहीं है तुमसे ,
नही तो चाहत तुमसे बढ़कर नहीं कोई की है मैंने

-


6 JAN 2022 AT 1:03

समंदर उठा है सीने में मेरे.... ठहर जाएगा
बस तुम नाम का बांध काफी है
तुम करवट बन कर रोक लो मुझे
तबाह करने के लिए संसार काफी है
उजड़ ना जाए ....ये सपनो का शहर
शहर संजोए रखने के लिए तुम्हारा प्यार ही काफी है
प्रवर्तित कर दो ये ऋतू
बहकने के लिए ये गिरती बरसात ही काफी है

-


4 DEC 2021 AT 23:36

रात का खौफ भी सो गया
जब सवेरा हुआ
अंधेरे का संघर्ष आसू छोड़ गया
जब सवेरा हुआ तो
उम्मीदें हजार दे गया

-


4 DEC 2021 AT 20:58

चाह क्षितिज की है
तो त्रास काले बादलों से क्यों
उजवल मोती गगन की चाहिए
तो पंखों पर विश्वास अल्प क्यों
माना मंजिल का रास्ता तुम्हे नहीं पता
पर भटकने से डर क्यों
जीत पानी है, तो जीत के विकल्प से हार क्यों
कोशिश दम जब तक भरेगी ....तब तक काबिलियत सीढ़ी चढ़ेगी
तो काबिलियत से इतनी उम्मीदें क्यों

-


Fetching chaynika pandit Quotes