chandrakant saini   (©सैनी जी 💔)
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Joined 19 December 2017


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Joined 19 December 2017
5 MAY 2022 AT 23:17

तेरी दी हुई ज़िंदगी को मै इनाम समझ लूँगा
राम हो या रहीम; दोनों ही अपने नाम समझ लूँगा।

रूक जाऊंगा, जहाँ पर झूकना पड़े मेरी खुद्दारी को
उसी जगह को अपना आखिरी मुकाम समझ लूँगा।

देर ना कर हमें अपनी महफिल मे बुलाने के लिए
वरना इसे मै तेरा एक हँसी इंतकाम समझ लूँगा।

हलक से तेरे आवज ना निकली तो फिक्र ना कर
आँखों के इशारों से ही तेरी बातें तमाम समझ लूँगा।

इतनी शिद्दत से चाहता हूँ तुझे ऐ ज़िंदगी मै मेरी
जहर भी पीला दे मुझे तो मै उसे जाम समझ लूँगा।

आज फिर रावण भगा ले जा रहा है सीता को कहीं
कोई तो ये कह दे की मै ख़ुद को राम समझ लूँगा।

बाजार में नंगी हो रही है हर रोज मासूम गोपियाँ
कोई तो ये कह दे की मै ख़ुद को श्याम समझ लूँगा।

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30 AUG 2021 AT 21:12

कर्म योगी युगपुरूष तुम एक धरोहर हो
सुख नयन को दे सदा तुम वह मनोहर हो

अष्टमी तिथि मास भादों विष्णु अवतारी
हो गई परिपूर्ण केशव दोनों महतारी

धर्म कर्म प्रेम का तुम एक समन्वय हो
जीये जीवन किस तरह वह ताल और लय हो

हो सखा तुम और स्वामी भाव में रहते
बन नदी पावन कन्हैया जग में तुम बहते

पार्थ के तुम सारथी बन ज्ञान अद्भुत दे गए
गोपियों का मोह मोहन हर कहीं तुम ले गए

द्रौपदी के भ्रात भी प्रभु और सुदामा मीत हो
तुम हो मुरली की मधुर धुन प्रेम संगीत हो

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25 AUG 2021 AT 22:54

पार कर सरहद तुम्हारी मैँ तुम्हीं में जा समाऊँ
मूंद कर पलकों को अपनी यूँ मैं तुमको ही तो पाऊँ

जोगियो सा हो गया मैं खोजता जो सिर्फ तुमको
बह रही धारा शहद की मैं उसी मेँ डूब जाऊँ

बेखुदी है यह खुदाया मौज लेती हैँ हिलोरें
हंस रहा है जग जो मुझ पर बात क्या किसको बताऊँ

रंग रही हर सांस मेरी एक तुम्हारे इत्र मेँ ही
पार कर सरहद तुम्हारी मैं कहीं खुद को ना पाऊँ

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6 JUN 2020 AT 22:11

"She's pretty because of filter"

Never say this to a girl. It's not her fault if she's not confident enough to show her pure face. She's affraid to be called ugly because of not having clear skin. If you can take pictures of yourself without filters then stop undervaluing them. Be matured enough. Physical appearance won't last but having a good heart with respect will.

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2 APR 2020 AT 18:20

भाव शब्द के स्वीकारो तुम हे रघुवर सुखधाम
पावन परम पुरुष अविनाशी चेतन हे श्री राम
कमल चरन हे नील नयन तुम पूरन चंद्र समान
धैर्य रूप हे दशरथ सुत हे कौशल्या के प्राण
रहो हृदय में सहज अमल श्री हरि हे अवतारी
रोम रोम में रमे रहो तुम मांगू कृपा तुम्हारी
रूप गंध रस तत्व सार तुम ब्रह्म रूप श्री धाम
भाव शब्द के संस्कारों तुम हे रघुवर सुखधाम

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29 FEB 2020 AT 20:36

जिस्म को परे हटा देते हैं।
इश्क को राह दिखा लेते हैं

रूह को अहसासों में पिरो के
साज-ए-उल्फ़त बजा लेते हैं

कुछ देर और रहें शामिल
बेख़ुदी का मज़ा लेते हैं

उस सिम्त से चाँद निकल आये
शबे वस्ल को मना लेते है

शबनमी निगाहों में तर होलें,
चल इश्क की नदी मे नहा लेते है

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10 JAN 2020 AT 20:56

इश्क़ मुहब्बत प्यार इलाही नाम हैं सारे ये तेरे
जमीं फ़लक पर्वत ये झरने चाँद सितारे ये तेरे

पवन चाँदनी घुली गुलों में खुशबू मीठी सी प्यारी
रखें पाँव मौज़ों पे किरणें हैं लश्कारे ये तेरे

छुअन हसीं एहसास की तेरी कस्तूरी सी मनभावन
अश्क़ गिरें सच्चें मोती बनकर के प्यारे ये तेरे

मीरा ख़ुसरो संत कबीरा फिरे इश्क़ की चाहत में
जहाँ ज़ेहन में सुकूँ मिले वो सब द्वारे ये तेरे

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5 JAN 2020 AT 20:58

तेरी उल्फ़त में खुद को मतवाला कर लूं
छोड़ के जग सारा ख़ुद को शिवाला कर लूं।

ज़माने के सारे गुलों को ले के तेरी ख़ातिर
पिरोने बैठूं ख़ुद को माला कर लूं।

तुझे तसव्वुर में अपने बिठाऊँ सदा के लिये
इस दिल के हुजरे में उजाला कर लूं।

छेड़े ना कोई मिरे दरिया की मौजें खुदाया
तू बन जा नशा मैं ख़ुद को हाला कर लूं।

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26 DEC 2019 AT 23:24

बहुतों का वो काट चुकी अब शायद मेरा काटने की इच्छा है ,

डेढ़ घण्टे से फोन कर रहा हूँ पर मेरा कॉल ऑन प्रतीक्षा है !

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10 NOV 2019 AT 18:05

इकलौती खुली नाक से आती जाती सांस कह रही है की दूसरी से भी सांस छोड़ो तो बुलबुला बन जाये...

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