16 JUL 2018 AT 1:30

ये आँखे!
दर्द का बयान,
दो ज़ुबानों में सुनाती हैं,
बदन में बढ़ जाए तो
मिच जाती हैं,
ज़हन में बढ़ जाए तो
खुल जाती हैं।।

- Aviral Jain