जब नज़रें चुरा ही रहे हो तो फिर ढंग से चुराओजो है मन में तुम्हारे... फिर साफ दिखाओ,हैरत नहीं है मुझें भी इस बात की अबऔरों की तरह अब तुम भी जो मुझें गलत ठहराओ.. -
जब नज़रें चुरा ही रहे हो तो फिर ढंग से चुराओजो है मन में तुम्हारे... फिर साफ दिखाओ,हैरत नहीं है मुझें भी इस बात की अबऔरों की तरह अब तुम भी जो मुझें गलत ठहराओ..
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क्या ख़ूब है इश्क़ की माया!नज़र वालों को भी मैंने इश्क़ में अंधा ही पाया.. होता तो दिल भी है और दिमाग़ भी, मग़र दीवानगी में कोई फिर दिमाग़ न चला पाया। -
क्या ख़ूब है इश्क़ की माया!नज़र वालों को भी मैंने इश्क़ में अंधा ही पाया.. होता तो दिल भी है और दिमाग़ भी, मग़र दीवानगी में कोई फिर दिमाग़ न चला पाया।
नज़रें सबके पास है और सब का नज़रिया भी अलग हैकौन क्या देखता है,ये उसकी निग़ाह पर निर्भर है। -
नज़रें सबके पास है और सब का नज़रिया भी अलग हैकौन क्या देखता है,ये उसकी निग़ाह पर निर्भर है।
सीखो सभी से और सबक भी लो,स्कूली शिक्षा भी ज़रूरी है थोड़ी असल जिंदगी से भी लो -
सीखो सभी से और सबक भी लो,स्कूली शिक्षा भी ज़रूरी है थोड़ी असल जिंदगी से भी लो
तुम्हारे झूठ को सच बनाये रखेंगे हमजानकर भी सच सारा, तुम्हारा ये भरम बनाये रखेंगे हम, अगर ज़रूरत पड़ती है तुमकों, मुझसे झूट बोलने कीतो झूठ को सच मानकर भी रिश्ता निभाये रखेंगे हम। -
तुम्हारे झूठ को सच बनाये रखेंगे हमजानकर भी सच सारा, तुम्हारा ये भरम बनाये रखेंगे हम, अगर ज़रूरत पड़ती है तुमकों, मुझसे झूट बोलने कीतो झूठ को सच मानकर भी रिश्ता निभाये रखेंगे हम।
होड़ सी चल रही है आज कल लोगों में एक दूसरे को अपना 'ख़ास' बनाने की, असल मे 'ख़ास' जैसा तो कुछ है ही नहीं!बात तो बस उस 'ख़ास' को आज़माने की। -
होड़ सी चल रही है आज कल लोगों में एक दूसरे को अपना 'ख़ास' बनाने की, असल मे 'ख़ास' जैसा तो कुछ है ही नहीं!बात तो बस उस 'ख़ास' को आज़माने की।
टूट कर बिखर जाता है। जब कोई अपना छोड़कर जाता है, जिंदा तो रहता है मगरअंदर से मर जाता है। -
टूट कर बिखर जाता है। जब कोई अपना छोड़कर जाता है, जिंदा तो रहता है मगरअंदर से मर जाता है।
"अपनों संग मिलकर त्योहार मनाएं, आपसी मदभेद को भूलकर अपने रिश्तों में एक नया रोशन दिया जलाएं।" -
"अपनों संग मिलकर त्योहार मनाएं, आपसी मदभेद को भूलकर अपने रिश्तों में एक नया रोशन दिया जलाएं।"
तुझें चाहने की गुस्ताख़ी आज भी कर रहा हूं,एक अधूरे सफ़र को अकेला ही पूरा कर रहा हूं। -
तुझें चाहने की गुस्ताख़ी आज भी कर रहा हूं,एक अधूरे सफ़र को अकेला ही पूरा कर रहा हूं।
कभी तुम जी के मरते हो कभी हम मर के जीते है।इश्क़ था तुमसे कल भी.. और हम आज भी करते है। -
कभी तुम जी के मरते हो कभी हम मर के जीते है।इश्क़ था तुमसे कल भी.. और हम आज भी करते है।