Anurag Singh   (Anu)
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कहानी में आगे, मुकम्मल मिलूंगा..
मुझको पढ़ने की शुरुआत तो करो..!
Joined 10 December 2017


कहानी में आगे, मुकम्मल मिलूंगा..
मुझको पढ़ने की शुरुआत तो करो..!
Joined 10 December 2017
30 APR 2020 AT 1:39



जानते हो तुम?
वो मेरे कमरे के बिस्तर पर पड़ी
चादर की सलवटें अब भी यूँ ही रखी हैं,
पास के मेज पर वो खुली किताब,
वो ऐश ट्रे में तुम्हारी आधी सिगरेट
तुम्हारे लबों की छाप वाला चाय का कप
सब कुछ वैसा ही है..
फर्क बस इतना सा है.. उस कमरे में अब हमारी हँसी नहीं गूँजती..।।

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30 APR 2020 AT 1:23



अपना लिखा हुआ मिटा देना ऐसा होता है जैसे कोई अपने हाथ से अपनी ही कलाई काट दे... किसी ने कहा था मुझसे।

मैं अब भी सोचता हूँ...लिखते हुये मुझे ज़्यादा दर्द होता है या मिटाते हुए... बता पाना मुश्किल है पर मुझे इतना पता है... दर्द भी एक किस्म का नशा है।

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29 APR 2020 AT 23:06



हर रोज आपकी यादें दिल से बाहर निकालता हूँ

ठीक वैसे जैसे कोई समंदर से पानी निकालता हो !!

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11 NOV 2019 AT 19:11



Tujhe mai apni mohabbat se hat ke dekh sakoon,
Yahan tak aane mein mujhko, kayi zamane lage..!

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11 NOV 2019 AT 19:08



रोज़ तुझको याद करते करते कब सो जाता हूँ,

रोज़ ख्वाबों में लड़ता हूँ और सुबह तेरा हो जाता हूँ ।

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10 JAN 2019 AT 13:17


पत्थर है उसका और मेरा बदन...जब भी मिलते हैं चिंगारियाँ उड़ती हैं, आग बनती है और सब ख़ाक होता है।

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22 DEC 2018 AT 15:23



मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर

अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ... ख़ैर..!!

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1 NOV 2018 AT 20:48


लोग चले जाते हैं
उनका जाना रह जाता है ।

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1 NOV 2018 AT 20:40


टहलाते-टहलाते
मेरी नन्ही बेटी
जब मेरे कंधे पे सो
जाया करती थी,
तो..जी करता था,
कि..अपने कंधे को ही
उसका बिछौना बना दूँ.
टहलता ही रह जाऊं..रात भर मैं !

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31 OCT 2018 AT 15:08


Pyaar par bas toh nahi hai mera lekin phir bhi,
Tu bata de ke tujhe pyar karun ya na karun.

Tune khud apne tabassum se jagaya hai jinhein,
Un tamannao'n ka izhar karun ya na karun.

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